प्रेमचंद की कहानियों को पढ़ा और अनुभव किया कि उन्होंने जीवन के यथार्थ को इन में अभिव्यक्त किया है। इसीलिए इन को कहानी-सम्राट कहा गया है। कहीं भी आदर्शवादिता नहीं है। जो कुछ इंसान अपने जीवन में देखता है, झेलता है , अनुभव करता है , उसका सटीक चित्रण इन की कहानियों में निहित है। समाधान पाठक के ऊपर निर्भर करता है।
प्रेमचंद की कहानियों को पढ़ा और अनुभव किया कि उन्होंने जीवन के यथार्थ को इन में अभिव्यक्त किया है। इसीलिए इन को कहानी-सम्राट कहा गया है। कहीं भी आदर्शवादिता नहीं है। जो कुछ इंसान अपने जीवन में देखता है, झेलता है , अनुभव करता है , उसका सटीक चित्रण इन की कहानियों में निहित है। समाधान पाठक के ऊपर निर्भर करता है।
ReplyDeleteएहल्कॉन इंटरनैशनल स्कूल के पुस्तकालय-विभाग की आभारी हूँ जिसने ऑनलाइन प्रेमचंद-साहित्य उपलब्ध करवाया।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद महोदया जी
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